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रेल किराये पर बेतुका विरोध

aaj ki bat
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जब से केंद्र सरकार ने पिछली सरकार के कार्यकाल में लिए गए रेल किराए में बढ़ोतरी के निर्णय को लागू करने पर रोक हटाई है, जनता से ज्यादा विपक्षी दल देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यदि प्रतिवर्ष थोड़ा-थोड़ा किराया बढ़ाया गया होता तो आज यह नौबत नहीं आती। क्या विरोध करने वाली पार्टियां नहीं जानतीं कि रेलवे को रोजाना 30 करोड़ रपए का घाटा हो रहा है। कांग्रेसनीत सरकार के रेल मंत्रियों लालू यादव और ममता बनर्जी ने जनता की वाहवाही लूटने और देश एवं रेल विभाग को गर्त में धकेलने के लिए जरूरी होने पर भी किराया नहीं बढ़ाया। इसी की वजह से आज रेलवे की यह हालत हुई है। आज रेलगाडिय़ों की जितनी बदतर स्थिति है, किराए में जायज वृद्धि न होना भी इसका एक कारण है। बिना पैसे के कुछ भी संभव नहीं, न रेल में साफ-सफाई कि कोई उचित व्यवस्था है और न ही समय पर ट्रेनों के आने-जाने की गारंटी। सुरक्षा व्यवस्था की तो बात पूछिए ही मत। अगर सकुशल गंतव्य तक पहुंच जाए तो अपने को खुशनसीब समझिए। आज रेल विभाग हर बात में तो पैसा वसूल करता है- चाहे आरक्षण करना हो या आरक्षण निरस्त करना, खानपान हो या कोई और सुविधा। और तो और सुपर फास्ट चार्ज भी लिया जाता है जबकि देश में राजधानी, शताब्दी और दुरंतो के अलावा और कोई भी रेलगाड़ी नहीं है जिसकी रफ्तार 50 किमी या उससे अधिक हो। आज जनता को जागरूक होने की जरूरत है। इसके लिए एक उदाहरण ही काफी है कि 100 किमी की दूरी के लिए रेलवे का सामान्य किराया 20-22 रु पए है जबकि इतनी ही दूरी का बस का किराया लगभग 100 रपए है। ऐसे में अगर रेलवे अपने को जिंदा रखने के लिए किराया बढ़ा रहा है तो इतनी हायतौबा क्यों? क्या हम अपनी रेलवे को धीरे-धीरे समाप्त करना चाहते हैं या उच्च और विश्वस्तरीय रेल सेवा चाहते हैं? अगर हमें सरकार से कुछ कहना ही है तो यह कहें कि बेशक उसने किराया बढ़ा दिया है लेकिन वह ये भी सुनिश्चित करे कि धीरे-धीरे हमारी रेलवे सेवा विश्व स्तर की बन जाएगी जिसमें साफ- सफाई, समय से आना-जाना, पटरियों की सुरक्षा, परिचालन में सुरक्षा, रेल के अंदर यात्रियों की सुरक्षा, तीव्र गति की रेल गाडिय़ां एवं मानकों के अनुसार खानपान उपलब्ध रहेगा। बिना कुछ जाने-समझे सिर्फ विरोध करने के लिए ही हर बात का विरोध करना शोभा नहीं देता। इस बात को हरेक पार्टी और विशेषकर जनता को समझने की जरूरत है कि घोड़ा भरपूर घास खाएगा, तभी दौड़ पाएगा।

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